कृषि दुनिया
आपका स्वागत है!
यहां किसानो को विभिन्न वैज्ञानिक खेती के तरीकों से जागरूक किया जाता है वीडियो के माध्यम से और जानकारी उपलब्ध करायी जाती है, उन्हें सभी सरकारी योजनाएं से अवगत किया जाता है एवं सभी बड़ी कंपनियों / व्यापरियों से जोड़ा जाता है ताकी वे सही दाम प्राप्त कर पाए |
![](assets/img/home1.png)
भारतीय फसलों का वर्गीकरण भिन्न-भिन्न आधारों पर किया जा सकता है। नीचे कुछ ऋतु आधारित भारतीय फसलों का वर्गीकरण दिया गया है।
रबी फसलें
रबी की फसल जिसे शीतकालीन फसल के रुप में भी जाना जाता है, ऐसी फसलें होती है जिनका उत्पादन सर्दियों के दौरान किया जाता है। गेहूँ, जौं, चना, सरसों, मटर, मसूर, आलू, राई,तम्बाकू, सूरजमुखी आदि
रबी फसलेंजायद फसलें
इस वर्ग की फसलों में तेज गर्मी और शुष्क हवाएँ सहन करने की अच्छी क्षमता होती हैं। उत्तर भारत में ये फसलें मूख्यतः मार्च-अप्रैल में बोई जाती हैं। कद्दू, खरबूजा, तरबूज, लौकी, तोरई, मूँग, खीरा, मिर्च, टमाटर, आदि
जायद फसलेंखरीफ फसलें
खरीफ की फसल उन फसलों को कहते हैं जिन्हें जून-जुलाई में बोते हैं और अक्टूबर के आसपास काटते हैं। धान, बाजरा, मक्का, मूँगफली, शकरकन्द, मूँग, ज्वार, तिल, ग्वार, जूट, सनई, अरहर, सोयाबीन, भिण्डी आदि
खरीफ फसलेंकुछ आधारों पर भारतीय फसलों का वर्गीकरण इस प्रकार है :-
जीवनचक्र पर आधारित :
•एकवर्षीय फसलें : धान, गेहूँ, चना, ढैंचा, बाजरा, मूँग, कपास, मूँगफली, सरसों, आलू, शकरकन्द, कद्दू, लौकी
• द्विवर्षीय फसलें : चुकन्दर, प्याज
• बहुवर्षीय फसलें : नेपियर घास, रिजका,
फलवाली फसलें
उपयोगिता या आर्थिक आधार पर:
• अन्न या धान्य फसलें (Cereals)
• तिलहनी फसलें (Oilseeds)
• दलहनी फसलें (Pulses)
• रेशेदार फसलें (Fibres)
• जड एवं कन्द (Roots)
• उद्दीपक (Stimulants)
• औषधीय फसलें (Medicinals)
विशेष उपयोग आधारित:
•नकदी फसलें (Cash Crops): गन्ना, आलू, मिर्च, चाय, काफी
•
अन्तर्वती फसले : उर्द, मूँग, चीना, लाही, सांवा, आलू
•
मृदा रक्षक फसलें : मूँगफली, मूँग, उर्द, शकरकन्द, बरसीम
•
हरी खाद: मूँग, सनई, बरसीम, ढैचां
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना :
भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि एक योजना है | इस स्कीम के अंतर्गत किसान को 6,000 रुपए प्रति वर्ष तीन किस्तों में प्राप्त होते है |
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
यह महत्वपूर्ण योजना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 18 फरवरी, 2016 को शुरु की गयी थी |अक्सर किसानों को तैयार फसल आंधी, ओलावृष्टी जैसी प्रॉकृतिक आपदाओं के कारण नष्ट हो जाती है|
पशुधन बीमा योजना
इस योजना की शुरुआत मुख्य रूप दो उद्देश्यों से की गयी है | किसानों या पशुपालकों को पशुओं की अचानक मृत्यु हो जानें पर उन्हें आर्थिक क्षति काफी होती है|
राष्ट्रीय खाध सुरक्षा मिशन योजना
हमारे देश की जनसँख्या लगातार बढ़ती जा रही है| ऐसे में सभी को भोजन सुनिक्षित कराने के लिए केंद्र सरकार ने कृषि को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय खाध सुरक्षा मिशन योजना की शुरुआत की है|
संपर्क करें
किसी भी प्रश्न के लिए हमसे संपर्क करें :